बीएड प्रवेश परीक्षा व श्रीअन्न उत्पादों से विवि Bundelkhand university ने किया है प्रभावित
शिक्षक नियुक्ति, शिक्षकों के आपसी विवादों, मुकदमे ने भी सुर्खियां बटोरीं
झांसी। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के कार्यकाल को लेकर चर्चाएं चलने लगी हैं। कौन सेवा विस्तार पाएगा, कौन नहीं, इसको लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। प्रदेश में कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले दो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सेवा विस्तार दे दिया है। ऐसे में अब सवाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय Bundelkhand university को लेकर भी है। यहां कुलपति प्रो मुकेश पांडे का कार्यकाल दिसंबर में खत्म हो रहा है। उनका कार्यकाल छह महीने ही बचा है, ऐसे में क्या उनको भी सेवा विस्तार मिलेगा या नहीं इस पर सस्पेंस है। बीयू Bundelkhand university कुलपति के कार्यकाल में विवि ने कुछ कार्यों से राजभवन को खासा प्रभावित किया है, पर कुछ मामले ऐसे भी हैं, जो नकारात्मक रूप से सुर्खियों में सामने आए। ऐसे में उनके कार्यकाल पर क्या निर्णय होगा, देखना दिलचस्प रहेगा।
प्रदेश की राज्यपाल व कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल का कार्यकाल 17 जुलाई को समाप्त हो जाएगा। इसके पहले काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रो एके त्यागी का कार्यकाल जून में समाप्त हुआ, पर कुलाधिपति की ओर से उन्हें तीन साल का सेवा विस्तार दे दिया गया। इधर, छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक का कार्यकाल भी हाल ही में समाप्त हुआ। उनके कार्यकाल में भी विवाद रहे, पर राजभवन ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें सेवा विस्तार दे दिया। प्रदेश में दो कुलपतियों को सेवा विस्तार मिलने के बाद चर्चा बुंदेलखंड विवि Bundelkhand university को लेकर भी होने लगी हैं। हालांकि कुलपति प्रो मुकेश पांडे का कार्यकाल अभी छह माह बचा है, पर उनके कार्यकाल का आकलन किया जाने लगा है। सकारात्मक पहलू की बात करें, तो बीयू नकलविहीन बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने में कामयाब रहा। पहली बार किसी परीक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने का श्रेय भी विवि के खाते में गया है। इसके बाद रिकॉर्ड 16वें दिन परिणाम भी घोषित कर दिया गया। इसके अलावा विवि ए-नैक ग्रेड पाने में भी कुलपति के कार्यकाल में ही कामयाब रहा। इधर, श्रीअन्न से बने उत्पादों से कुलाधिपति खासी प्रभावित हुईं। नकारात्मक पहलू की बात करें, तो शिक्षक नियुक्ति में लगे गंभीर आरोपों ने विवि को सुर्खियों में ला दिया। इस मामले में विवि Bundelkhand university प्रशासन को नियुक्तियां स्थगित कर जांच कमेटी बनानी पड़ी। इधर, शिक्षकों के बीच आपसी विवाद भी खुलकर सामने आया। समाज कार्य विभाग व हिंदी विभाग के शिक्षकों के आपसी मतभेद लेटरबम बनकर फटे। बीते दिन ही इस मामले में जांच का आदेश दिया गया। इधर, छात्रा सृष्टि राय आत्महत्या प्रकरण में कुलपति पर ही मुकदमा दर्ज हो गया। विवि की ही एक शिक्षिका ने कुलपति व अन्य कई अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर मामला हाईकोर्ट में ले जाया गया, जिसमें नोटिस जारी कर दिया गया है। कुल मिलाकर खट्टे-मीठे अनुभव के इस कार्यकाल को आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं, इस पर सबकी नजर रहेगी।