– चबूतरे पर बैठने का दे रहे 1200 रुपए प्रतिमाह किराया

– चबूतरों के सामने बिना आवंटन के जम जाते हैं लोग

झांसी। गणेश चौराहा Ganesh Chauraha  स्थित सब्जी मंडी में चबूतरों के आवंटी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। आवंटन के बाद यह लोग बारह सौ रुपए प्रतिमाह किराया अदा कर रहे हैं। इसकी वजह है कि बिना आवंटन के घुसपैठिए सब्जी व फल विक्रेता आवंटियों के लिए सिरदर्द बन गए हैं। यह घुसपैठिए न केवल उनके धंधे पर असर  डाल रहे हैं साथ ही लड़ाई झगड़े का कारण भी बन रहे हैं।

गणेश चौराहे Ganesh Chauraha पर लगने वाली सब्जी मंडी को सुव्यवस्थित करने के लिए नगर निगम द्वारा सड़क के एक किनारे आठ गुणा आठ फीट के चबूतरे बनाकर सब्जी विक्रेताओं को आवंटित किए गए थे। मकसद था कि सब्जी विक्रेता सड़क पर डलिया लगाकर न बैठें और सड़क पर चलने वाले वाहनों के समक्ष व्यवधान उत्पन्न न हो। चबूतरे बन गए। इसके लिए उनसे पंजीकरण शुल्क लिया गया। इसके बाद आवंटन प्रक्रिया हुई। जिन लोगों को चबूतरे आवंटित किए गए थे उनसे प्रतिमाह बारह सौ रुपए किराया भी लिया जाने लगा। लेकिन इसके बाद भी सड़क पर डलिया लगाकर सब्जी बेचने की परंपरा यहां समाप्त नहीं हो सकी। इस बात को लेकर आवंटियों में नाराजगी व्याप्त है।

क्या कहते हैं आवंटी

आवंटी दुकानदार ओमप्रकाश का कहना है कि जब हम लोगों को चबूतरे आवंटित किए गए थे तब अपर नगर आयुक्त मैडम ने हमें आश्वस्त किया था कि हमारे चबूतरे के सामने कोई अवैध रूप  से दुकान नहीं लगाएगा। हम लोग नगर निगम को बारह सौ रुपए प्रतिमाह किराया भी अदा कर रहे हैं। वहीं, सड़क पर लोग डलिया डालकर अब भी सब्जी बेच रहे हैं। ऐसे में हमारा रोजगार प्रभावित हो रहा है । इन लोगों को यहां बैठने से मना करने पर लड़ाई-झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। अब हम अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं।

संजय कुमार का कहना है कि  हमें जो चबूतरे आवंटित किए गए हैं उनके सामने दूसरे दुकानदार अपनी दुकानें सजा लेते हैं।  ऐसे में हमें दुकानदारी करने में परेशानी होती है। नगर निगम को चाहिए कि इस सब्जी मंडी में सिर्फ आवंटी दुकानदार ही अपन रोजगार करें। इसकी वजह है कि बारह सौ रुपए प्रतिमाह हम दे रहे हैं और दूसरे लोग फ्री में यहां बैठकर हमारे रोजगार को प्रभावित कर रहे हैं।

 

शांति देवी का कहना है कि बाहर के दुकानदार हमारे रोजगार पर असर डाल रहे हैं। हम चबूतरे पर बैठकर रोजगार कर रहे हैं वहीं दूसरे  दुकानदार सड़क के किनारे बैठ जाते हैं जिससे ग्राहक हमारी दुकान तक नहीं आ पाते हैं। हमें दुकानें आवंटित करने के बाद नगर निगम के अधिकारी यहां दोबारा नहीं आए।

 

सब्जी की दुकान चलाने वालीं परवीन कहतीं हैं कि हमारी दुकानों के आगे लोग सड़क पर बैठकर दुकानदारी करते हैं।  इसकी वजह से हमारे रोजगार पर असर पड़ रहा है। दुकानें देने के बाद नगर निगम वाली मैडम भी यहां नहीं आईं। हम अपनी समस्या किससे कहें।