मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन से 5 करोड़ रुपए फंड मांगा, अन्य कार्य भी होंगे
बड़े ऑर्डर से भरपूर मात्रा में स्टेंट Stent heart: की उपलब्धता रहेगी
झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में हृदय रोगियों के लिए स्टेंट Stent heart: की कमी नहीं रहेगी। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन से 5 करोड़ रुपए का फंड मांगा है। इसमें 3 करोड़ रुपए से स्टेंट खरीदे जाएंगे, बाकी 2 करोड़ रुपए से गंभीर बीमारियों के उपचार में काम आने वाली मशीनें खरीदी जाएंगी।
मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशिएलिटी ब्लॉक में कार्डियोलॉजी विभाग बना है। यहां हृदय रोगियों की एंजियोप्लास्टी की जाती है। एंजियोप्लास्टी के दौरान हृदय में नसों का ब्लॉकेज ठीक करने के लिए स्टेंट Stent heart: लगाया जाता है। मेडिकल कॉलेज में एंजियोप्लास्टी फ्री होती है। यहां तक मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इसमें भी सफलता पायी है कि अब यहां एसजीपीजीआई के चिकित्सक भी एंजियोप्लास्टी करने आने लगे हैं। एंजियोप्लास्टी की सुविधा तो ठीक है, पर बजट के अभाव में स्टेंट Stent heart: की कमी मरीजों को खल जाती है। चूंकि नसों के ब्लॉकेज का उपचार तुरंत ही कराना पड़ता है, इसलिए स्टेंट Stent heart: के लिए मरीजों को 50 हजार रुपए तक खर्च करने पड़ जाते हैं। प्राइवेट अस्पताल में एंजियोप्लास्टी का पूरा खर्च एक लाख रुपए से भी ज्यादा हो जाता है। मरीजों की एंजियोप्लास्टी पूरी तरह से मुफ्त हो, इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने शासन से 5 करोड़ रुपए का फंड मांगा है। इसमें 3 करोड़ रुपए से सिर्फ स्टेंट Stent heart: ही खरीदे जाएंगे। बड़े ऑर्डर के चलते पर्याप्त संख्या में स्टेंट Stent heart: यहां उपलब्ध हो जाएंगे। ऐसे में ऑपरेशनों की संख्या भी बढ़ा दी जाएगी। बाकी 2 करोड़ रुपए से किडनी, लिवर, कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के उपचार में प्रयुक्त होने वाली मशीनें खरीदी जाएंगी।
मेडिकल कॉलेज में फ्री एंजियोप्लास्टी की सुविधा है। हर मरीज को मुफ्त स्टेंट Stent heart: लग पाए, इसके लिए समय-समय पर फंड मांगा जाता है। शासन से इसके लिए 5 करोड़ रुपए फंड मांगा गया है। फंड मिलते ही 3 करोड़ रुपए से स्टेंट Stent heart: खरीद करा ली जाएगी।